हरियाणा कोरोना संक्रामण थोड़ा ओर कम, महामारी मे अनाथ हुए बच्चों को सरकार देगी सहायता ओर राज्य मे सरकारी संपत्ति हानी करने वालों से हानी का मूल्य वसूलने का नियम लागू ।

हरियाणा कोरोना संक्रामण थोड़ा ओर कम, महामारी मे अनाथ हुए बच्चों को सरकार देगी सहायता ओर राज्य मे सरकारी संपत्ति हानी करने वालों से हानी का मूल्य वसूलने का नियम लागू ।


हरियाणा राज्य के नागरिकों के लिए शुभ समाचार हे की, राज्य मे कोरोना संक्रामण फेलने की गति मे थोड़ा ओर कमी आई है। अब राज्य मे कोरोना संक्रामण फेलने की गति धीमी हो रही हे, अब प्रतिदिन संक्रामण के प्रकरणो   की संख्या घटनी शुरू हो चुकी है । दूसरी ओर यदि हम इस संक्रामण से ठीक होने वाले रोगियों का आंकड़ा देखें  तो उसमे भी उछाल आया है। हरियाणा से प्राप्त समाचारों के अनुसार रविवार का आंकड़ा पूरे राज्य मे 3 हज़ार 3 सो 70 नागरिक संकर्मण से ठीक होकर घर लोटे । करीब 1 हज़ार 4 सो 52 संक्रमित नए रोगी पाये गए ओर 89 नागरिकों की मृत्यू हुई । इस समय पूरे राज्य मे करीब 21 हज़ार 85 संक्रमित नागरिक पाये गए हे जिन का इलाज चल रहा हे । इस वर्ष का अब तक का आंकड़ा देखें तो संक्रामण के कारण 7 लाख 55 हज़ार 3 सो 70 नागरिक रोगी हुए जिनमे से 7 लाख 26 हज़ार 81 नागरिक संक्रामण से ठीक होकर घर लोटे ओर 8 हज़ार 2 सो 21 की मृत्यू हुई । 

राज्य हरियाणा मे इस समय कोरोना संक्रमितों के ठीक होने की दर 96.10 प्रतिशत हे, इसको अगर हम समझे तो यदि 100 नागरिक संक्रमित होते हे तो उनमे से 96 ठीक होकर घर लोट रहे हे । इस राज्य मे अब तक 56 लाख 60 हज़ार 81 नागरिकों को टीका लगाया गया हे । अभी तक प्राप्त समाचारों के अनुसार तलबंदी 7 जून तक जारी हे इसमे कुछ राहत भी दी गयी हे । 

  • हरियाणा राज्य मे कोरोना संक्रमण द्वारा अनाथ हुए बच्चों को 2 हज़ार 500 रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहयोग मिलेगा । 
  • बच्चियों के लिए निशुल्क आवासीय शिक्षा ओर विवाह के लिए 51000 रुपये देगी हरियाणा सरकार । 
  • हरियाणा राज्य मे संपत्ति क्षति-वसूली विधेयक लागू । 
  • हरियाणा राज्य मे यह नियम उत्तर प्रदेश मे लागू नियम जेसा ही हे । 

हरियाणा राज्य मे कोरोना संक्रमण द्वारा अनाथ हुए बच्चों को 2 हज़ार 500 रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहयोग मिलेगा । 

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा कोरोना संक्रमण के कारण अनाथ होने वाले बच्चों को आर्थिक सहयोग देने की घोषणा की है. इस घोषणा के अनुसार, संक्रामण की महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को प्रतिमाह 2 हज़ार 500 रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. ओर इसके साथ ही अन्य खर्च के लिए प्रतिवर्ष 12000  रुपये भी दिये जायेंगे, समाचारों के अनुसार,  हरियाणा मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया की संक्रमण के कारण जो बच्चे अनाथ हो चुके हैं, उन लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गयी है । 

बच्चियों के लिए निशुल्क आवासीय शिक्षा ओर विवाह के लिए 51000 रुपये देगी हरियाणा सरकार । 

यह हरियाणा राज्य के अनाथ बच्चे जिन परिवारों के साथ रहेंगे, उन्हें 18 वर्ष की आयू तक 2 हज़ार 500 रुपये हर महीने दिये जायेंगे और पढ़ाई समेत अन्य खर्चों के लिए 12, हज़ार रुपये हर वर्ष दिये जायेंगे । अनाथ होने वाली बच्चियों को कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में निशुल्क आवासीय शिक्षा की व्यवस्था की जायेगी. ओर इन बच्चियों के  विवाह के लिए उनके नाम से बैंक खाते में 51000 रुपये भी जमा कराये जायेंगे। 


हरियाणा कोरोना संक्रामण थोड़ा ओर कम, महामारी मे अनाथ हुए बच्चों को सरकार देगी सहायता ओर राज्य मे सरकारी संपत्ति हानी करने वालों से हानी का मूल्य वसूलने का नियम लागू ।
हरियाणा मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल 


हरियाणा राज्य मे संपत्ति क्षति-वसूली विधेयक लागू । 

राज्य में डैमेज टू प्रॉपर्टी ड्यूरिंग डिस्टरबेंस एक्ट-2021 अर्थात संपत्ति क्षति-वसूली विधेयक को हरियाणा राज्यपाल महामहिम श्री सत्यदेव नारायण आर्या द्वारा बुधवार को मंजूरी दे दी गई हे, अब यह विधेयक नियम बन गया है. अब यदि हरियाणा में उपद्रव या आंदोलनों के दौरान होने वाली हानी की भरपायी सरकारी संपप्ति को हानी पहुँचने वालों से ही वसूल की जाएगी । हरियाणा जनसंपर्क एवं सूचना विभाग के द्वारा जानकारी दी गई हे कि राज्य में नया नियम लागू हो चुका है। गृह मंत्री श्री अनिल विज ने जानकारी दी की राज्य सरकार ने अधिनियम को अधिसूचित किया था । 

हरियाणा राज्य मे यह नियम उत्तर प्रदेश मे लागू नियम जेसा ही हे । 

राज्य के एक अधिकारी के अनुसार , हरियाणा राज्य में नया नियम लागू होने से आंदोलनों मे लोग भीड़ की आड़ लेकर सार्वजनिक और सरकारी संपत्तियों के साथ-साथ निजी दुकानों, निजी घरों और निजी वाहनों को हानी पहुँचते हे ओर अब हानी होने पर प्रदर्शनकारियों द्वारा इस हानी का मूल्य वसूला जाएगा। इसी वर्ष मार्च के माह में राज्य की विधानसभा में इस विधेयक पारित किया गया था । इससे पहले उत्तर प्रदेश मे इस नियम को लगया गया था ।

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