ईरान ओर अमेरिका साथ साथ, बातचीत के लिए दोनों देश तेयार।

 

ईरान ओर अमेरिका साथ साथ, बातचीत के लिए दोनों देश तेयार।
ईरान ओर अमेरिका

ईरान और अमेरिका ने पिछले दिनो अपनी अलग अलग की गई प्रैस वार्ता द्वारा जानकारी दी हे कि वे विशाव की अन्य प्रमुख शक्तियों के साथ अप्रत्यक्ष बातचीत शुरू करेंगे ताकि ईरानी परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने से सम्बंधित समझौते पर दोनों देश फिर से शुरू कर सकें।  तीन वर्ष पहले तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ परमाणु क़रार से अमेरिका को अलग थलग कर लिया था। अमरीका के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता नेड प्राइस ने पत्रकारों से भेंट वार्ता मे बताया कि बातचीत का बहाल होना 'आगे की दिशा में एक स्वस्थ क़दम है। यह बातचीत अगले एक दो दिन मे  ऑस्ट्रिया में शुरू होने वाली है। हालांकि प्राइस ने कहा, ये शुरुआती दिन हैं और हम तत्काल किसी निष्कर्ष का अनुमान नहीं लगा सकते क्योंकि भविषय मे बड़ी मुश्किल से चर्चा होगी।'

ईरान को ट्रंप ने 2018 में ईरान परमाणु क़रार से अमेरिका को अलग थलग कर लिया था हालांकि अभी के राष्ट्रपति अमरीका जो बाइडन ने सवय जानकारी देते हुए कहा है कि ईरानी व अमरीका समझोते में फिर से शामिल होना उनके प्रशासन की सूची मे प्रथम है। दुपक्षीय वार्ता के आरंभ को लेकर सहमति बनी है ताकि पिछला समझोता जो 2015 मे हुआ था उसको जारी रखने के लिए परमाणु समझौते पर दुबारा जारी किया जाए ताकि ईरान और अमेरिका के आपसी सभी मतभेदों पर अच्छे से चर्चा हो सके।

  • अमरीका तेयार हे। 
  • सभी पक्ष तेयार दिखाई दे रहे हे। 
  • अफवाहे काम खराब कर रही हे। 

अमरीका तेयार हे। 

ईरान के साथ इस दुपक्षीय वार्ता के बारे मे अमरीका के प्राइस ने जानकारी दी कि अगले सप्ताह की वार्ता कार्य समूहों के आसपास केंद्रित रहेगा जिसका गठन यूरोपीय संघ ने ईरान सहित समझौते में शामिल अन्य देशों के साथ किया है। ईरान की तरह अमेरिका ने भी कहा है कि तत्काल ईरान के साथ सीधी बातचीत की कोई आशा है। हालांकि प्राइस ने यह भी कहा कि अमेरिका इस विचार के लिए बातचीत के लिए तेयार है।

सभी पक्ष तेयार दिखाई दे रहे हे। 

मोहम्मद जवाद ज़रीफ ईरानी के विदेश मंत्री ने भी इस बात पर ज़ोर देकर कहा कि ईरान और अमेरिका के अधिकारियों के मध्य कोई बैठक निर्धारित नहीं है। वियना में अंतरराष्ट्रीय संगठनों में रूसी राजदूत मिखाइल उल्यानोव ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि " ऐसी धारणा बन रही है कि हम सही रास्ते पर हैं, लेकिन आगे का रास्ता आसान नहीं होगा और इसके लिए ओर अधिक प्रयासों की अवशयकता होगी। सभी विभिन्न पक्ष उसके लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं।

अफवाहे काम खराब कर रही हे। 

ईरान के लिए अमेरिका के क़रार में लौटना मुश्किल होगा क्योंकि ईरान अमरीका के किसी भी बात चित के बीच कुछ अपवाहे चलाई जाती हे जेसे, ईरान लगातार क़रार के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि ईरान का यह क़दम क़रार में शामिल अन्य देशों-रूस, चीन, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन-पर अपना दब-दबा दिखने के लिए आदि आदि । ईरान द्वारा इस बात पर विचार करने को कहा है कि उसके द्वारा क़रार का पालन करने से पहले ज़रूरी है कि प्रतिबंधों को हटाकर अमेरिका अपने दायित्वों को निभाने मे सहयोग दे।

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