भारतीय शांति सेना से सेवानिवृत शार्ट सर्विस कमीशन (SSC) अधिकारी अब अपने नाम के साथ मे सेना द्वारा प्राप्त रेंक भी लिख सकते हे।

भारतीय शांति सेना से सेवानिवृत शार्ट सर्विस कमीशन (SSC) अधिकारी अब अपने नाम के साथ मे सेना द्वारा प्राप्त रेंक भी लिख सकते हे।
भारतीय शांति सेना से सेवानिवृत शार्ट सर्विस कमीशन (SSC) अधिकारी अब अपने नाम के साथ मे सेना द्वारा प्राप्त रेंक भी लिख सकते हे। 


भारतीय रक्षा मंत्रालय ने शांति सेना के शार्ट सर्विस कमीशन (SSC) अधिकारियों की एक बहुत पुरानी मग जो 37 वर्षों से मांगी जा रही थी अब उस मांग को पूरा करते हुए उन्हें सेवा से निवृत (Retoured ) होने के बाद अपने नाम के साथ रैंक को लिखने की अनुमति दे दी गयी है। सरकार के इस निर्णय द्वारा शार्ट सर्विस कमीशन सेवानिवृत अधिकारी प्रसन्न भी होगे ओर इस से युवाओ मे शार्ट सर्विस कमीशन (SSC) में जाने के लिए आकर्षण बढ़ेगा। रक्षा मंत्रालय ने इस बारे में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेकर शार्ट सर्विस कमीशन के अधिकारियों को अपने नाम के साथ रैंक लिखने की अनुमति दे दी गयी है। 

सरकार के इस निर्णय द्वारा शार्ट सर्विस कमीशन सेवानिवृत अधिकारी प्रसन्न भी होगे ओर इस से युवाओ मे शार्ट सर्विस कमीशन (SSC) में जाने के लिए आकर्षण बढ़ेगा।

  • वर्ष 1983 से यह मांग मांगी जा रही थी। 
  • पहले 5 वर्ष का कार्यकाल होता था अब 10 वर्ष हे। 

वर्ष 1983 से यह मांग मांगी जा रही थी। 

भारतीय शांति सेना से सेवानिवृत (SSC)  शार्ट सर्विस कमीशन अधिकारी अब से पहले सेवानिवृत (Retoured )  अधिकारियों को नाम के साथ अपना रैंक लिखने की अनुमति नहीं थी। इसकी मांग यह अधिकारी वर्ष 1983 से करते चले आ रहे थे। सब शार्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों की मांग थी कि वे भी स्थायी कमीशन अधिकारियों के ही समान सेवा शर्तों में काम कर चुके हैं, और ठीक उसी तरहा से ट्रेनिंग प्राप्त कर 10 से 14 वर्ष कार्य कर चुके हे। 

पहले 5 वर्ष का कार्यकाल होता था अब 10 वर्ष हे। 

भारत के राज्य चेन्नई में स्थित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA) में सेना के लिए शॉर्ट सर्विस कमिशन वाले अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है और पहले उनका कार्यकाल सिर्फ 5 वर्ष तक होता था जिसे बढ़ाकर अब 10 वर्ष कर दिया गया है,  इसके साथ ही इन अधिकारियों को 4 वर्ष का अतिरिक्त सेवा (extension) भी मिल जाता है। अर्थात शॉर्ट सर्विस कमिशन लेकर सेना में अधिकारी बनने पर अधिकतम 14 वर्ष का ही कार्यकाल भारतीय शांति सेना द्वारा निर्धारित किया है।

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