पाकिस्तान कि पालसी हे एक देश से कर्ज़ लो ओर दूसरे देश को दो ।
पाकिस्तान कि पलसी 1947 से चली आ रही हे कि चंदा मांगो या कर्जा मांगो जब कर्जा वापिस मांगा जाए तो किसी ओर देश से कर्जा लो दो । अब इस देश कि हालत यह हे कि इसको कोई कर्जा नहीं देता । पाकिस्तान के ऊपर सऊदी अरब का दबाव था की कर्जा वापिस किया जाए इसी संबंध मे सऊदी अरब ने पाकिस्तान के उपर कुछ प्रतिबंध भी लगाए थे ओर जिसकारण पूरा देश घबराया हुआ था । सपनों मे भी सऊदी अरब का डर सता रहा था, कई देशो के आगे हाथ फेलाए गए किसी ने कर्ज़ नहीं दिया, थक हार कर चीन को अपना सब कुछ बेचना पड़ा हे तभ जाकर कर्जा मंजूर हुआ हे । अपने आप को इस्लामिक देश कहने वाला देश पाकिस्तान को चीनी वाइगर मुस्लिम नज़र नहीं आ रहे हे ओर अपने देश के नागरिकों को चीन के हाथ बेच दिया । इस से एक बात सिद्ध होती हे की पाकिस्तान का विशव के बाकी इस्लामिक देशो से केसा व्योहार हे ।

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