पाकिस्तान का मिशन KK
खलिस्तान ओर कश्मीर अर्थात मिशन KK पाकिस्तान की एक राजनीति का लक्ष्य हे, 1947 से भारत से अलग होने के बाद ही उस समय के राज्यनितज्ञों ने लिख के रक्खा हे की खलिस्तान का नाम लेकर पूरे पंजाब पर हकूमत की जाए ओर मुसलमान के नाम पर कश्मीर पर भी हकूमत की जाए ओर जीतने मर्ज़ी फोजि जर्नल आए गए जितने मर्ज़ी नेता आए गए सभी इसी लक्षय पर काम कर रहे हे की मिशन KK जारी रहना चाइए इसके लिए चाहे भेंस भी बिक जाए । यह सब एसा लगता हे की भिखारी राज करने का सपना देख रहा हे, दाने दाने को मोहताज जिसे अब कोई कर्ज़ भी नहीं देता वह मिशन KK पर राज करने का सपना देख रहा हे । खेर सपना देखने के लिए कोई पेसे नहीं लगते ओर कर्ज़ भी नहीं मांगना पड़ता हे जिसको जितनी मर्ज़ी सपने देखे, परन्तु सत्य क्या हे पूरा विषव जनता हे ।
यदि खलिस्तान बनेगा तो पाकितान का क्या होगा ।
खलिस्तान का सपना यदि सच हुआ तो पाकिस्तान पर खलसा राज होगा, यानि पाकिस्तान पूरा पंजाब हे तो यह देश सिक्खों का देश होगा ओर सिख इतिहास के अनुसार राजधानी लाहोर होगी फिर भारत से अलग हुए मुसलमान कहाँ जाएंगे जबकि पूरा विषव जनता हे की पाकिस्तान मुस्लिम देश हे ओर भारत से इसीलिए अलग हुआ था की हमे हिंदुओं के साथ नहीं रहना । पहला मिशन K का झूठ यहीं पर पकड़ा जाता हे की पाकिस्तान केसे बनेगा खलिस्तान उसकी नज़र भारत के पंजाब पर हे की यहाँ के नागरिकों को खलिस्तान के नाम पर भड़का कर अपने साथ मिला लिया जाए ओर जिस प्रकार से 1947 के बाद अल्पसंख्यको को मार मार के भगाया गया हे उसी प्रकार फिर करे परन्तु क्योंकि यह एक सपना हे जो कभी संभव नहीं हे । आज भी पाकिस्तान मे सिक्ख लोग किस प्रकार से रेह रहें हे किसी से छुपा नहीं हे दिन दिहाड़े लड़कियों का अपहरण कर धरम परिवर्तन करा कर विवाह कर दिया जाता हे , गुरुद्वारों पर कब्जे किए जाते हे उनको मस्जिद बना दिया जाता हे । पाकिस्तान मे जो सिख रेह रहे हे वह केवल अपने धार्मिक स्थानो की रक्षा के लिए हे जिस दिन सब भारत आ गए वहाँ पर सिख इतिहास मिटा दिया जाएगा ।
मुजफरबद सहित गिलगित बलोचिस्तान भी खाली करना पड़ रहें हे ।
पाकिस्तान का दूसरा मिशन K अर्थात कश्मीर हे 1947 से लेकर आज तक यहाँ पर साम दाम दंड भेद प्रयोग किया गया पहले मुसलमान के नाम पर भड़काया बात नहीं बनी फिर कश्मीर के लोगो को पेसे का लालच दिया गया तो भी बात नहीं बनी फिर जो भारत की बात करने वाला नेता हे उनकी हत्याएँ कारवाई गई ओर धर्म के नाम पर भेदभाव करवा कर पड़ितों ओर हिंदुओं को डरा कर भगाया गया अब भी बात नहीं बन रही हे क्योंकि एक भूखे नंगे देश के साथ कोन रहना चाहेगा । 1846 से 1947 कुल 101 वर्ष तक यहाँ पर डोगरा राज रहा ओर भारत से अलग होने के तुरन्त बाद गिलगित बलोचिस्तान पर कब्जा किया गया जबकि 1947 तक यह जम्मूकश्मीर के भाग थे । अब जबकि यह संगशशित (Union Territory) प्रदेश हो गया हे तो मुजफरबद सहित गिलगित बलोचिस्तान भी खाली करना पड़ रहें हे ।
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| सिंध का एक मनोरम चित्र |
स्वात देश बोध देश, बोध धर्म के अनुसार शांति वाला देश ।
स्वात इतिहास मे बोध देश था ओर इस क्षेत्र मे अरबियों ने हमला कर कर के इसपर कब्जा किया गया यहाँ से बोध इतिहास समाप्त किया गया ओर इस्लाम फेला दिया गया । अफगानिस्तान भी बोध देश था ओर इसी अफगानिस्तान का यह एक ज़िला हे जिस पर पहले अरबियों ने अब पाकिस्तान ने कब्जा कर के रक्खा हुआ हे । प्राचीन बोध देश होने के कारण चीन पर इसकी पेनी नज़र हे क्योकि चीन मे अधिक बुद्धिष्ट लोगो की जन्स्ङ्खया हे । मिशन KK के सपने देखने वाले को यह पत्ता हे नहीं हे की स्वात पर चीन का अधिकाश कब्जा हो चुका हे बस जिस दिन पूरे पाकिस्तान पर कब्जा होगा उसी दिन पाकिस्तान की राजधानी स्वात होगा ओर चीन इनको एसा सीधा करेगा जे ऊईगर सीधा कर रहा हे । स्वात बोध धर्म से अनुसार शांति वाला स्थान हे ओर यदि विषव मे कोई शांत स्थान हे तो वह स्वात हे ।
सिंध देश आर्य मातृ भूमि ।
सिंध आर्यों का देश हे इतिहास मे आर्यों ने यहीं से अपना विस्तार किया था कुछ ईरान की ओर चले गए थे ओर कुछ भारत की ओर फिर एक आर्यव्रत जेसा बड़ा महान देश बना था । यहा पर आज भी आर्य सभ्यता के जीते जागते सबूत हे, विशव से लोग आकर आर्य सभ्यता के बारे मे जानकारी प्राप्त करते हे । हजारो वर्षो से यहाँ हिन्दू धर्म को समाप्त करने की कोशिश की गई परंतु आज भी कुछ हिन्दू यहाँ जीवित हे ओर आज भी उन पर इतने ज़ुलम होते हे की पूछिये मत परंतु समाप्त नहीं हुए । यदि 1947 मे पाकिस्तान अलग न हुआ होता तो अभी तक यह डोगरा राज्य का भाग होता, क्योंकि डोगरा सेनाओ ने गिलगित बलोचिस्तान से आगे बढ्ने की ओर स्वात ओर सिंध पर कब्जा करने की रणनीति बना ली थी । परन्तु सिंध के आज के हालत एसे हे की रोज़ धरणे प्रदर्शन हो रहे हे पाकिस्तान को कब्जा हटाने की लिए दबाव बनाया जा रहा हे । यहाँ के सभी नागरिक पाकिस्तान के ज़ुलम से तंग आ चुके हे , क्योंकि पाकिस्तान की सरकार यहाँ से सभी नागरिकों को परेशान करता हे । सिंध के नागरिकों को केवल चोथी श्रेणी की नोकरी दी जाती हे तीसरी दूसरी पहली श्रेणी की नोकरी केवल पाकिस्तान को दी जाती हे ।


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