चंडीगढ़ श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन (SABLO) ने यात्रा शुरू करने की माग की।

चंडीगढ़ श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन (SABLO) ने यात्रा शुरू करने की माग की।
श्री अमरनाथ 


चंडीगढ़ में यह मांग प्रेस क्लब सेक्टर-27 में श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन (SABLO) द्वारा उठाई गई। आर्गेनाइजेशन के महासचिव श्री राजेंद्र ने इस बेठक में कहा कि आज के समय में सब कुछ खुल चुका है। इससे पहले सरकार देश के विभिन्न राज्यों में चुनाव तक करवा चुकी है परन्तु श्री अमरनाथ यात्रा को कोरोना का नाम लेकर बंद किया जा रहा है जो कि पूरी तरह से सविधान संवत नहीं है। वर्ष 2019 में भी इस यात्रा को आतंकी हमलों के डर से बीच में ही रोक दिया गया था उसके बाद फिर वर्ष 2020 में कोरोना था और इस बार फिर से कोरोना का नाम लेकर इसे बंद किया जा रहा है।

प्रेस क्लब सेक्टर-27, चंडीगढ़ में हुई इस बेठक में कोरोना संक्रमण पर बोलते हुए उपाध्यक्ष श्री आनंद कुमार ने कहा कि यदि कोरोना के चलते लंबी यात्रा संभव नहीं है तो एक अगस्त से 22 अगस्त तक यात्रा का समय कम किया जा सकता है। इसके साथ जहाँ पर रोज़ के दस हज़ार श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते थे वह पांच हज़ार हो सकते है ताकि भीड़ कम हो सके और लोग दर्शन भी ठीक से कर सके।

  • श्री अमरनाथ यात्रा में परहेज क्यों?
  • यदि सरकार बात न माने तो प्रदर्शन होंगे।
  • क्या यात्रियों के नष्ट हुए समय ओर पेसे का कोई मोल नहीं?

श्री अमरनाथ यात्रा में परहेज क्यों?

चंडीगढ़ ही नहीं पूरे भारत में कोरोना महामारी के चलते सब कुछ बंद कर दिया गया था लेकिन अब सब खुल रहा है। देश के अलग-अलग धार्मिक स्थल खुल चुके हैं और सभी का जीवन सामान्य हो चुका है लेकिन श्री अमरनाथ यात्रा को बंद करने के निर्देश दिए गए है जो कि पूरी तरह से ग़लत है। यदि जम्मू में स्थित माता वैष्णो देवी, हिमाचल के सभी धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए खुल सकते है तो श्री अमरनाथ यात्रा में परहेज क्यों किया जा रहा है। केंद्र सरकार को यात्रियों ओर धार्मिक आस्ताओ को ध्यान रखकर जल्दी इस यात्रा को शुरू करने के आदेश जारी करने चाहिए।

यदि सरकार बात न माने तो प्रदर्शन होंगे।

SABLO, चंडीगढ़ महासचिव श्री राजेंद्र ने कहा कि अभी हम देश के प्रधानमंत्री और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को यात्रा शुरू करने के लिए मांग पत्र भेज चुके है। यदि सरकार हमारी बात नहीं सुनती तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे जिसकी शुरूआत एक जुलाई को 11 बजे से होगी। जिसमें सभी जिलों में प्रदर्शन होगा और यात्रा के लिए उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा जाएगा। अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए उत्तर भारत से 115 संस्थाएँ लंगर लगाती है जो कि बीते तीन सालों से बंद है।

क्या यात्रियों के नष्ट हुए समय ओर पेसे का कोई मोल नहीं?

SABLO चंडीगढ़ आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष श्री विजय ठाकुर ने कहा कि एक जून से जैसे कोरोना संक्रमण कम होने लगा था भक्तों ने यात्रा की तैयारी पूरी कर ली थी। लोग मेडिकल कराने के बाद यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाकर पैसे ख़र्च कर चुके है। 21 जून को अचानक केंद्र सरकार यात्रा को रद करने के आदेश जारी करती है जो कि पूरी तरह से ग़लत है। इस समय यदि माता वैष्णो देवी का मंदिर खोला गया है तो श्री अमरनाथ यात्रा को भी करवाया जा सकता है। यदि अमरनाथ यात्रा की बात करें तो मुख्य गुफा तक पहुँचाने के लिए पहलगाम और बालटाल दो रास्ते है। वहीं देश के अन्य धार्मिक स्थलों में एक ही रास्ता है।

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