जेल मे ही व्यापार शुरू कर दिया ।
एक व्यापारी को किसी कारण जेल की सज़ा हो गई ओर पाँच वर्ष जेल के अंदर ही रहना पड़ा । पाँच वर्ष के बाद जब उसे बताया गया की आप की सज़ा पूरी हो गई ओर रिहा हो रहे तो उसने बाहर जाने मे मना कर दिया.......... , जेल अधिकारियों के पूछने पर उसने बताया की.......... उसने सज़ा के दोरान अपना वायापार जेल मे शुरू किया था ओर आज खूब पेसा कमा रहा हे ओर व्यापार दिन दुगनी राज छोगुनी तररकी कर रहा हे मे बाहर नहीं जाउगा .....। व्यापारी ने जेल मे ही पेसे उधर देने का धंधा शुरू कर दिया था......... , बड़ी मुशकिल से उसको समझा भुजा कर जेल से बाहर निकाला ।

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