भारत टोक्यो में जीतेगा दस से अधिक पदक, कांस्य पदक प्राप्त कर्णम मल्लेश्वरी।

भारत टोक्यो में जीतेगा दस से अधिक पदक, कांस्य पदक प्राप्त कर्णम मल्लेश्वरी।
कांस्य पदक प्राप्त कर्णम मल्लेश्वरी

सिडनी मे हुए ओलिंपिक खेल में भारत के लिए एक मात्र कांस्य पदक जीतने वाली वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी का कहना है की अबकी बार हो रहे टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय खिलाड़ी 10 से अधिक भी अधिक पदक जीत कर लाने के पूरी संभवना हैं। उन्हें सबसे ज़्यादा पदक की आशा देश के शूटरों से हैं। वहीं वे यह भी मानती हैं कि 21 वर्ष बाद वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू देश के लिए पदक जीत सकती हैं। इसके अतिरिक्त उन्हें एथलेटिक्स, बॉक्सिंग और रेसलिंग में भी पदक मिलने की आशा है।

टोक्यो ओलिंपिक खेल 23 जुलाई से 8 अगस्त तक होने है। अबकी बार 124 खिलाड़ी इंडिविजुअल और टीम इवेंट में भारत देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। मल्लेश्वरी ने वर्ष 2000 के सिडनी ओलिंपिक में वेटलिफ्टिंग में कांस्य पदक जीता था। वे देश की पहली एसी महिला एथलीट हैं, जिन्होंने ओलिंपिक में पदक जीते हें। उनसे पहले तक इंडिविजुअल में किसी महिला एथलीट ने ओलिंपिक में पदक नहीं जीता था।

टोक्यो में भारत की आशाओं और देश में वेटलिफ्टिंग के विकास को लेकर एक प्रसिद्ध समाचार पत्र से भेंटवार्ता पत्रकार के प्रशन ओर ब्रॉन्ज मेडलिस्ट कर्णम मल्लेश्वरी के उत्तर।

  • अबकी बार टोक्यो में भारतीय खिलाड़ियों से कितने पदक की आशा रखती हे आप?
  • बाकी के खेलों में अधिक विकास हुआ हे, आप के खेल में कम विकास क्यों हुआ हे?
  • क्या वेटलिफ्टिंग में पुरुष वेटलिफ्टर नहीं आ रहे हैं?
  • सभी प्रसिद्ध खिलाड़ी नए खिलाड़ी तेयार कर रहे हे, क्या आप भी कुछ ऐसा कर रही हैं?
  • टोक्यो ओलिंपिक कोरोना संक्रमन के कारण एक वर्ष देर से हो रहा हे, आप के विचार?

अबकी बार टोक्यो में भारतीय खिलाड़ियों से कितने पदक की आशा रखती हे आप?

मुझे इस बार टोक्यो ओलिंपिक में 10 से भी अधिक पदक मिलने की आशा है। मुझे लगता है कि 21 वर्ष के बाद मेरे ख़ुद के खेल वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू पदक जीतेंगी। इसके अतिरिक्त मुझे सबसे ज़्यादा पदक का विश्वास भारतीय शूटरों से भी हैं। वहीं एथलेटिक्स में भी एक-दो पदक आने की आशा कर रही हूँ। वहीं बॉक्सिंग में मेरीकॉम और अन्य बॉक्सरों से भी पदक जीतने का मुझे पूरा विश्वास है। रेसलर्स से भी जीतने की आशा है।

बाकी के खेलों में अधिक विकास हुआ हे, आप के खेल में कम विकास क्यों हुआ हे?

वेटलिफ्टिंग की तुलना हम अन्य खेलों के साथ नहीं की जा सकती है। क्योंकि वेटलिफ्टिंग में चोट लगने के अधिक चांस होते हैं। इसमें भर उठाना होता है। कंधे, घुटने पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। मेरे वेटलिफ्टिंग जीतने के बाद भारत में यह संदेश गया कि गाँव और सुदूर क्षेत्र की लड़कियाँ भी ओलिंपिक में मेडल ला सकती है। मेरे बाद ओर काफ़ी लड़कियों ने विभिन्न खेलों में देश के लिए पदक जीते। अब मेरे खेल में मीराबाई चानू के मेडल जीतने के बाद मुझे विश्वास है कि देश में वेटलिफ्टिंग को लेकर एक लहर आएगी। देश को अब वेटलिफ्टिंग में ओलिंपिक में पदक के लिए प्रतीक्षा नहीं करना पड़ेगा। वर्ष 2024 और वर्ष 2028 ओलिंपिक तक वेटलिफ्टिंग में भी पदक मिलेंगे।

क्या वेटलिफ्टिंग में पुरुष वेटलिफ्टर नहीं आ रहे हैं?

ऐसा बिलकुल नहीं है कि भारत में पुरुष वेटलिफ्टर नहीं खेलों मे भाग नहीं ले हैं। पुरुषों मे जेरेमी लालरिन्नुंगा ने कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीता है। वे भी बहुत कम आयू में युवा ओलिंपिक में भी देश के लिए पदक जीते हैं। उनसे ओर पदक जीतने की काफ़ी आशायेँ हैं।

सभी प्रसिद्ध खिलाड़ी नए खिलाड़ी तेयार कर रहे हे, क्या आप भी कुछ ऐसा कर रही हैं?

मैंने पिछले तीन वर्ष पहले हरियाणा यमुना नगर में वेटलिफ्टिंग की एकेडमी शुरू कर दी है। यहाँ पर फिलहाल 50 खिलाड़ी हैं। अभी केवल हरियाणा के विभिन्न जिलों के ही बच्चे हैं। जो ट्रेनिंग ले रहे हैं। इनमे से कोरोना संक्रमन के कारण कुछ खिलाड़ी जा चुके हैं। एकेडमी को खेल एवं युवा मंत्रालय की ओर से भी सहयोग मिल रहा है। यहाँ पर 200 से अधिक बच्चों के रहने के लिए हॉस्टल तैयार किया जा रहा हैं। उसमें पूरे देश से प्रतिभाओं का चयन कर एकेडमी में ट्रेनिंग देने की योजना पर काम चल रहा है। इस एकेडमी में ट्रेनिंग कर रहे खिलाड़ी खेलो इंडिया और यूथ में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। आने वाले समय में मुझे आशा है कि कई ओर खिलाड़ी हमारे प्रशक्षण द्वारा  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए अधिक पदक जीतने में सफल होंगे।

टोक्यो ओलिंपिक कोरोना संक्रमन के कारण एक वर्ष देर से हो रहा हे, आप के विचार?

कोरोना संक्रमन के कारण से एक वर्ष देरी से ओलिंपिक हो रहे हैं, ऐसे में मेरा मनना है कि सभी खिलाड़ियों को तैयारी करने के का सुअवसर प्राप्त हुआ हे ओर इसके परिणाम हमे अच्छे मिलेंगे।

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