आसमान का धरती से मिलन हो रहा है
बादल बनके धरती का अगन चूम रहा है
भले हीं मिट जाए अस्तित्व ही उसका
पर प्यार से धरती को गगन चूम रहा है
ये बहकी बहकी फिजाओं में आसमान है
धरती से प्यार की उसको भी गुमान है
जब आता है तो अनेकों खुशियां लाता है
इसलिए आज धरती को भी इंतजार है
हवा आज सर्द है मौसम भी बदल रहा है
Corona कैद में है पर मन मचल रहा है
आसमान से धरती का मिलन हो रहा है
बादल बनके धरती का अगन चूम रहा है
भले ही मिट जाए अस्तित्व ही उसका
पर प्यार से धरती को गगन चूम रहा है


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